Goswami TulsiDas 25+ Maithili Powerful Quotes
दुष्टसभकेँ नम्र शब्दसँ कोनो लाभ नइँ, जहिना धनवान व्यक्तिके छोटका उपहार द’ क’ ओकरा गद गद नइँ कए सकबै।
तुल्सीदास [TulsiDas] वैष्णव [रामनुज] सम्प्रदायक संत तथा कवि रहथि। हिनका गाैस्वामी तुलसी दास सेहो कहल जाइ छनि। तुलसी दास (1532-1623) रामचरितमानस्, हनुमान चलिसा हिनक प्रसिद्ध कृति अछि। रामचरितमानस अपन मातृभाषा अवधिमे रचना कएलनि। प्रस्तुत अछि तुलसी दासक मैथिलीमे विचारसभ।
List of Tulsidas Maithili Quotes
जे होएके अछि से कियो रोकि नइँ सकै छै, तँए अपन शंकाके तनावसँ दुर भ क अपन काम करैत रहू।
२.
जे व्यक्ति निरन्तर सुख करैत रहै छै, हुनका जीवनमे कहियो सु:ख नइँ मिलै छै।
३.
जगाएल तँ हुनके जाइ छै, जे सुति रहल छै । मुदा जानि बुझिक सुतल बहाना कएने छै, हुनका जगाएक कोन फाइदा ?
४.
बिन पानिवला बादलके गर्जनेसँ वर्षा नइँ होइ छै, असली वीर बिना कारण नइँ धकरै छै, युद्धमे अपन साैर्य देखाबै छै।
५.
प्रेम, मीत्रसँ याचना कएलासँ बढ़ैत नइँ, घटैत छै।
६.
जे अपन लोककेँ त्यागकए दुश्मनके शिविरमे चलि जाइ छै। वएह पुरान शिविरेके अपने साथी दुश्मनकेँ मारलाक बाद ओकरो मारि दै छै।
७. Tulsidas Quotes in Maithili
सम्मान, व्यक्तिकेँ माङ्गिक नइँ मिलै छै। माङैवलाके सम्मान नइँ रहि सकै छै।
८.
सत्यवादी व्यक्ति कखनो झुठ वचन नइँ दै छै। वचनक पालन कएनाइये हुनकर महानता अछि।
९. TulsiDas Quotes in Maithili
धर्म, देशक लोकसभकेँ एकजुट राखएमे समर्थ होइ छै।
१०.
अभिमानी व्यक्ति चाहे गुरू,पिता वा उमेर, ज्ञानमे नम्हर किए न होइ, हुनका सही दिशा देखएनाइ अति आवश्यक अछि।
11+ मातृभाषा पर विचार | Mother Tongue Quotes in Maithili
११.
जिनका लग धर्मके ज्ञान रहै छै, से “सत्ये परम धर्म अछि” कहै छै।
१२.
उत्साहमे असिमित उर्जा छै, उत्साहित व्यक्तिके लेल खासे असम्भव किछ नइँ अछि।
१३.Tulsi Das Quotes in Maithili
सबके मुह भितरिया विचारकेँ दर्पण छियै। एकरा नुकेनाइ लगलभ असम्भव छै जँ देखएवला ज्ञानी होइ त।
१४. TulsiDas Quotes in Maithili
उत्साहहीन, निर्बल या दु:खमे डुबल व्यक्ति नीक काम नइँ कए सकत। रसे रसे दु:खक खादिँमे खसि जाइ छै।
१५.
बाबू जी, गुरू, जेठ भाइ जे धर्म पालनके ज्ञान दैत छथि, उ सब अभिभावकके समान होइ छै।
१६.
विजयके आधार, विद्वान या बुद्धिमानसँ कएल परामर्शे तय होइ छै।
१७.
दुष्टसभकेँ नम्र शब्दसँ कोनो लाभ नइँ, जहिना धनवान व्यक्तिके छोटका उपहार द’ क’ ओकरा गद गद नइँ कए सकबै।
१८. Tulsi Das Quotes in Maithili
हम रिश्तेदारके व्यवहारसँ नीक जँका परिचित छियै, हुनका दोसरके समस्यामे खुब मजा आबै छै।
१९.Tulsidas Thoughts in Maithili
मानवता, दया आ सद्भावना महान पुण्यकारी गुण अछि।
२०.
उदासी बहुत खतम भाव अछि, कहियो अपन मनकेँ उदासीक हाथमे नइँ साैपबाक चाही। उदासी लोककेँ मारि दै छै, जेना एगो रिसियाएल साँप कोनो बच्चाकेँ।
25 Paramahansa Yogananda Quotes। परमहंस योगानन्द
२१.
अपन जीवनकेँ समाप्त कएलासँ कोनो भलाइ नइँ, शान्तिक मार्गेसँ जीवनके रस्ता बहराए छै।
२२.
राजा बनबाक लेल तीन १.गुरूके आशिर्वाद २.मन्त्रीके साथ सहयोग, २. प्रजाके स्नेह
२३. Tulsi Das Quotes in Maithili
चरित्रहीन व्यक्तिके मित्रता पानिके बुन समान होइ छै जे कमल फूलक पत्ता पर होइतो सटल नइँ रहै छै।
२४.
जँ जीयल रहैबै, तँ सु:ख आ शान्ति कहियो न कहियो जरूर भेटत।
२५.
धन, सुख, समृद्धि सब धर्मक मार्गेमे भेटै छै।
२६.
वीर पुरूष क्रोधित नइँ होइ छै।
101 Kabir Dohe in Maithili
२७.
समय: इहे व्यक्तिकेँ सबसँ मजबुत वा कमजोर बनाबै छै।
तुलसीदासक जन्म संवत 1532 मे उत्तर प्रदेश, वर्तमान बांदा जिला राजापुर गाममे भेल छल। हुनक पिताक नाम आत्माराम दुबे आ माताक नाम हुलसी छल। हुनकर विवाह दीनबन्धु पाठकके बेटी रत्नावलीसँ भेल छल। पत्नी रत्नावलीक प्रति अत्यधिक प्रेमक कारण, तुलसीकेँ रत्नावलीके फटकार “लाज ना आई आप दौरा आहु नाथ” सुनए पड़लनि, जे हुनक जीवनकेँ बदलि देलक। पत्नीके यातनाके कारणसँ तुलसीक मनमे वैराग्य उत्पन्न भऽ गेल। हुनक गुरु बाबा नरहरिदास छलाह, जे हुनका दीक्षा देलनि। हुनकर अधिकांश जीवन चित्रकूट, काशी आ अयोध्यामे बीतल छल।
गोस्वामीजी श्री सम्प्रदायके आचार्य रामानन्दक शिष्य छलाह। समयकेँ देखैत ओ अवधी भाषामे ‘रामायण’ लिखलनि। ई वर्णाश्रम धर्म, अवतारवाद, साकार उपासना, सगुनवाद, गो-ब्राह्मण रक्षा, विभिन्न योनी आ प्राचीन संस्कृति आ वेद मार्गक प्रति उचित सम्मानक सङ्ग-सङ्ग ओहि समयक विधर्मी अत्याचार आ सामाजिक दोष आ पन्थवादक आलोचना कएलक अछि। गोस्वामी जी सम्प्रदाय आ सम्प्रदाय चलएबाक विरोध करैत छलाह। ओ स्वराज्यक सिद्धान्त, रामराज्यक आदर्श, अत्याचारसँ बचबाक आ शत्रु पर विजय प्राप्त करबाक तरिकाक चर्चा कएलनि; कठोर जासूसीक ओहि युगमे सेहो सभ राजनीतिक बात खुलि कऽ कहल जाइत छल, मुदा हुनका लग राज्य सुख कहियो प्राप्त नइँ छल। [जानकारी: bharatdiscovery सं]